Sunday 26 December 2021

UP chunav: इस बार फिर होगा यूपी में भगवा सलाम?

UP chunav
Credits - DNA India


उत्तर प्रदेश में चुनाव होने को हैं। चुनावी माहौल से यूपी सज चुका है। यूपी चुनाव के लिए पीएम मोदी ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। इसके साथ ही एक जो चीज़ रह गयी है वह है नेताओं का पार्टी से आना-जाना। यूपी के मुख्यमंत्री और भाजपा के फायर ब्रांड लीडर योगी आदित्यनाथ भी कोई कसर नहीं छोड़े हैं इस बार भी फैसला अपनी और घुमाने को। चुनाव सिर पर आते ही कई नौकरी भर्तियां निकल गयी हैं। इसके अलावा योगी एक लाख छात्रों को स्मार्टफोन और टेबलेट भी देने की घोषणा कर चुके हैं, जो शायद मिल भी जाए। वहीँ विपक्षी पार्टियां भी अपने-अपने तरीके आजमा रहीं हैं।

 

कुछ दिनों पहले वापस लिए गए कृषि कानून को लेकर भाजपा में ही एक तबका मानता है कि यह नहीं किया जाना था। इसके पीछे वजह यह है कि चुनाव नज़दीक आते ही आप बैकफुट चले गए और कृषि कानून वापस लेना पड़ा। अगर यह करके आप जीत भी गए तो "यह दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है" वाली बात हो जाएगी। भाजपा के साथ-साथ आरएसएस का भी मानना है कि इससे ब्रांड मोदी की इमेज टूटी है और अब जगह-जगह ऐसे ही पीएम मोदी को धरने पर बैठकर झुकने को मजबूर किया जाएगा।

 

टिकैत डालेंगे वेस्ट यूपी में अड़ंगा?

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Credits - Outlook India


कृषि कानून को लेकर अपनी आवाज़ बुलंद करने वाले राकेश टिकैत भाजपा के लिए पश्चिमी यूपी से खतरे की घंटी बने हैं। कुछ जानकार मानते हैं कि 26 जनवरी की लाल किला हिंसा के बाद टिकैत का रोना किसान आंदोलन को दोबारा एक नई धार दे गया था। टिकैत की छवि ऐसी बन गई है जैसी कभी उनके पिता बाबा महेंद्र सिंह टिकैत जी की हुईं करा करती थी। इसी सब आंदोलन के बीच पूर्व सांसद और राष्ट्रीय लोकदल सुप्रीमो जयंत चौधरी भी खूब एक्टिव दिखे थे, योगी-मोदी सरकार पर काफी हमलावर भी थे। अब जब किसान आंदोलन सफल हो गया है तो जयंत भी अब टिकैत को अपने पाले में लेने की पूरी कोशिश में हैं। वहीं यूपी चुनाव में टिकैत की गिनती किंग मेकर में की जाने लगी है।

 

अखिलेश-जयंत फैक्टर कितना असरदार?

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Credits - ABP Live


यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव और जयंत चौधरी वेस्ट यूपी से हाथ मिला चुके हैं, जिससे भाजपा का बैकफुट पर जाना लाज़मी है। समाजवादी पार्टी (सपा) में जो समस्या 2017 के शुरू में हुई थी वह अब उस स्थिति में नहीं है। वहीं अगर कांग्रेस से गठबंधन करने की बात आती भी है तो उसके रास्ते अभी बंद नहीं हुए हैं। इस सब के बीच सपा के कुछ के कद्दावर नेताओं पर इनकम टैक्स की रेड से साफ़ जाहिर है कि यह कहीं न कहीं राजनीति से प्रेरित है। कोरोना की दूसरी लहर में चारों खाने चित योगी-मोदी सरकार पर भी सपा काफी हमलावर थी जिससे लोगों को लगने लगा कि बीजेपी का विकल्प सपा ही है।

 

मायावती को विलय की ज़रूरत या मजबूरी?

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Credits - Lokmat


मायावती के लिए यह शायद सबसे बुरा दौर होगा। 2016-17 को इससे कहीं अधिक अच्छा दौर कहना ठीक होगा, जब पार्टी 19 सीटें तो ले आई थी। मायावती ने कुछ मौकों पर पीएम मोदी की कुछ बातों से सहमति भी जताई है जिससे ऐसे कयास लग रहे हैं कि उनका भाजपा के साथ जाना उनके और उनकी पार्टी के लिए बेहद ज़रूरी है। मायावती जब सीएम होती थीं उनपर भ्रष्टाचार के बहुत आरोप लगते थे, इसी के चलते वह अब कुछ बोलने से बचती हैं। उनका परंपरागत वोटर भी अब उनसे दूर रहना चाहता है। 2016 की नोटबंदी के बाद मायावती जिस तरह से मोदी सरकार पर बरसती थीं, शायद अब उनके लिए ऐसा करना बिलकुल भी ठीक न होगा। वहीं दलित वोटरों के सहारे उनकी जो इमेज थी वह अब चंद्रशेखर आजाद रावण ने ज्यादा अपनी और कर ली है जिससे उनका हाशिए पर चले जाना और भी बढ़ गया है। उनके लिए आज के और 2016-17 के हालात कमोबेश एक ही हैं। यूपी चुनाव के लिए मायावती को अपने रूठे हुए काडर बेस को फिर से खड़ा करने की जरूरत है।

 

क्या फिर आएगी भाजपा?

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Credits - Jagran Josh


यूपी भाजपा कई मुद्दों पर अपने ही वोटर और बाकि लोगों के सवालों से घिरी है। चाहे वह कोरोना की दूसरी लहर में योगी सरकार का घुटने टेकना, किसान आंदोलन को ऐसे बताना जैसे वह हाईजैक हो गया हो, यह सब अब उनके विकास के अजेंडे की पोल खोलता है। जगहों के नाम बदल देने को विकास समझ लिया गया है। राम मंदिर बनने के फैसले को लेकर बीजेपी उत्साह में है कि उसे आने वाले चुनाव में फायदा ज़रूर होगा। पीएम मोदी भी अपने कैंपेनिंग अवतार में हैं जिसके लिए वह जाने जाते हैं। चुनाव के समय में पीएम मोदी को आगे कर देने का ट्रेंड भाजपा में आज भी बरकरार है और आगे भी रहेगा। सपा ने 2012-13 में जब छात्रों को लैपटॉप बांटे थे तब भाजपा ने उनपर निशाना साधा और अब भाजपा की ओर से छात्रों को 1 लाख स्मार्टफोन और टेबलेट्स बांटने की बात उठी है। यह चुनाव 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए सेमीफइनल की तरह है क्योंकि यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं जिससे पिक्चर कुछ ही महीनों में साफ़ हो जाएगी। कई ओपिनियन पोल में भाजपा की सरकार बनती दिख रही है, जो उनके लिए थोड़े सुकून की बात है। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि ओपिनियन पोल के लिए सैंपल साइज पूरी यूपी के मूड को नापने के लिए काफी नहीं है।

 

देवांग मैत्रे

Friday 6 August 2021

Hiroshima Day in Hindi: आज के ही दिन हिरोशिमा पर बरपा था परमाणु बम का कहर

 

Source - The Financial Express


दुनिया के बड़े देश अमन की अपील तो कई दशकों से कर रहे हैं। जब भी छोटे देश की किसी दूसरे देश से लड़ाई हुई है, उसमे बड़े देश शांति से मुद्दा हल करने की बात कहते हैं। लेकिन बड़े देश ही छोटे देश को परमाणु बम बेचते आए हैं। अक्सर यह सुना जाता रहा है कि दुनिया से एटम बमों की विदाई होगी, मगर आज तक ऐसा हुआ तो नहीं है। परमाणु शक्ति संपन्न देश कहते आए हैं कि अपने देश की सुरक्षा के लिए उन्होंने परमाणु बम बनाए हैं। कुछ देशों ने इसके पहले इस्तेमाल न करने की नीति अपनाई है। पूरे विश्व में 14 हज़ार से ज्यादा परमाणु बम होने का अनुमान है। Hiroshima Day in Hindi में अधिकारिक तौर पर देखें तो दुनिया के 9 देशों के पास परमाणु बम हैं।

किसके पास कितने एटम बम

Hiroshima Day in Hindi में सबसे ज्यादा एटम बम का जखीरा रूस के पास हैं, रूस के पास 6,300 से ज्यादा परमाणु बम हैं। उसके बाद दुनिया की महाशक्ति अमेरिका आता है जिसके पास 5,500 से ज्यादा बम हैं। फ्रांस के पास 300, यूनाइटेड किंगडम के पास 225, चीन के पास 350, भारत के पास 160, पाकिस्तान के पास 165, इजराइल के पास अघोषित परमाणु बम हैं जो 60-400 के बीच हो सकते हैं, और उत्तर कोरिया के पास 50 एटम बम होने का अनुमान है।


दूसरे विश्वयुद्ध में आज ही के दिन 71 वर्ष पहले अमेरिका ने जापान के शहर हिरोशिमा पर ‘लिटिल बॉय’ नामक शक्तिशाली परमाणु बम गिराया था, और उसके कुछ देर बाद का वो भयावह मंजर हुआ वह आज भी अच्छी तरह से दुनिया को याद है। दिसंबर 1941 में जापान के 353 लड़ाकू विमानों ने हवाई स्थित अमेरिकी नेवल बेस पर्ल हार्बर पर हमला कर दिया था, जिसमें 8 अमेरिकी नेवी बैटलशिप को तबाह कर दिया था, Hiroshima Day in Hindi में इसमें 2 हज़ार से ज्यादा अमेरिकी नागरिक मारे गए थे और 1 हज़ार से ज्यादा घायल हुए थे।

 

बदला चुकाना के लिए हमला

अमेरिका ने जापान से बदला लेने के नाम पर जुलाई 1945 में अपना पहला परमाणु परीक्षण कर हिरोशिमा पर हमले की योजना बनाई। फिर उसके बाद वह हुआ जो इंसानियत के लिए काला दिन बन जाने वाला था। अमेरिका ने उस जगह एटम बम गिराया जहां सामान्य नागरिक रहते थे। Hiroshima Day in Hindi में 6 अगस्त को अमेरिकी वायुसेना के B29 Bomber Enola Gay ने सुबह 8:15 बजे हिरोशिमा पर बम गिराया था, जिसके कुछ देर बाद ही वहां सब खत्म हो गया था. इस परमाणु बम से ऐसा ब्लास्ट हुआ जो TNT के 16 Kiloton के बराबर था। हिरोशिमा में 80 हजार लोग मारे गए थे और 70 हज़ार लोग बेहद गंभीर रूप से घायल हुए थे। उसके थोड़े दिनों बाद कई और लोग एटम बम की रेडिएशन के चलते मारे गए थे। आज तक हिरोशिमा में जन्मे लोग शारीरिक या मानसिक तौर पर कमज़ोर पैदा होते हैं।


अमेरिका और रूस ने कई बार एटम बमों को खत्म करने के लिए नई-नई संधि बनाईं और दोनों देशों ने शीत युद्ध के समय से अब तक काफी मात्रा में अपने-अपने परमाणु बम कम किए, लेकिन उसके बाद से यह अत्यंत ज़रूरी मामला ठंडे बसते में चला गया है। अमेरिका और रूस की तरफ से वर्ष 2010 में Strategic Arms Reduction Treaty शुरू की गई, रणनीति बना कर परमाणु बमों को खत्म करने के लिए यह संधि हुई।


पाकिस्तान में बढ़ती अशांति से पूरी दुनिया चिंतित है क्योंकि उसके यहां हर रोज़ कोई न कोई जगह से आतंकी हमले होते रहते हैं। अगर आतंकियों के हाथ पाकिस्तान के परमाणु बम लग गए तो दुनिया को भयावह नतीजे भुगतने पड़ेंगे। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान हर साल 20 परमाणु बम चीन की मदद से तैयार कर रहा है। पहले अल काएदा और अब इस्लामिक स्टेट के आतंकी परमाणु बमों को बनाने की बात करते हैं। वहीं उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन कई बार अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ मतभेद जता चुके हैं जिससे कई बार परमाणु युद्ध होने की स्थिति उत्पन्न हुई है। पाकिस्तान के वैज्ञानिक अब्दुल कदीर खान ने उत्तर कोरिया को परमाणु देश बनने में मदद की थी। Hiroshima Day in Hindi में इतना ही नहीं ए क्यू खान ने लीबिया, ईरान और इराक को भी परमाणु बमों के ब्लूप्रिंट बेचे थे।


Hiroshima Day in Hindi में दुनिया के हर देश से आवाज़ आती है कि एटम बम दुनिया से हटने चाहिए, लड़ाई से हल नहीं निकलता है, बदले से सिर्फ बदला उत्पन्न होता है। जिस तरह से परमाणु बमों के खात्मे या उन्हें हटाने के लिए इतनी संधि बनी वो काफी नहीं हैं। इस दिशा में परमाणु संपन्न देश इतने सजग नहीं दिखे कि दुनिया को वाकई परमाणु हथियार मुक्त होना चाहिए। पेंटागन की नई जनगणना के मुताबिक 2008 में अमेरिका के पास 5,273 एटम बम थे जबकि 2015 में यह 4,571 रह गए हैं। 13 वर्षों में 1,100 बमों को नष्ट कर दिया गया है। जिस तरह से पाकिस्तान और उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम को बढ़ा रहा है उससे दुनिया का चिंतित होना लाज़मी है। ऐसे में ये देश अपने परमाणु बमों को नष्ट करने की स्थिति में हाल-फिलहाल तो नहीं दिखते हैं।


अब समय आ गया है कि दुनिया से ऐसे भयानक हथियार ख़त्म कर दिए जाएं। दुनिया में ऐसा माहौल बनाया जाए जहां अमन को ज्यादा महत्व दिया जाए। Hiroshima Day in Hindi में आतंकी समर्थक देश इस बात को समझें की गुड टेररिज्म और बैड टेररिज्म जैसा कुछ नहीं होता है, आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद फैलता है। परमाणु बमों में इजाफा करने से कुछ नहीं होगा।


देवांग मैत्रे

Wednesday 9 June 2021

SSC CGL: लीजिए एसएससी सीजीएल की संपूण जानकारी, जो है छात्रों के लिए बेहद जरूरी

 

 SSC CGL


सरकारी नौकरी की चाह तो हर कोई रखता होगा। इस परीक्षा के लिए युवाओं को बेसब्री से इंतेजार रहता है। देश में कई सरकारी बोर्ड हैं जो सरकारी नौकरी के लिए आवेदन निकालते रहते हैं। उनमें से एक है संयुक्त स्नातक स्तर (सीजीएल)। एसएससी (कर्मचारी चयन आयोग) का मुख्यालय नई दिल्ली में है। एसएससी में स्नातक स्तर की परीक्षा को सीजीएल कहते हैं। एसएससी सीजीएल (SSC CGL) देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा की तुलना सिविल सर्विसेज से भी की जाती है। हर वर्ष इसमें करीब 20 लाख युवा परीक्षा देते हैं। यह परीक्षा प्रत्येक वर्ष आयोजित होती है। इस परीक्षा की स्थापना नवंबर 1975 में हुई थी। इस परीक्षा को देने के लिए आपका कम से कम ग्रेजुएट (स्नातक) और भारतीय नागरिक होना ज़रूरी है। किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से आपका स्नातक होना ज़रूरी है। SSC CGL - 


 

यह परीक्षा पहले ऑफलाइन हुआ करती थी, कुछ वर्षों से यह ऑनलाइन माध्यम से ली जाती है। ऑनलाइन फॉर्म भर कर आप ऑफलाइन मोड से भी जमा करा सकते हैं। आवेदन ऑनलाइन होता है हालांकि कुछ समय पहले तक ऑफलाइन फॉर्म भर कर भेजने की सुविधा भी होती थी। इस परीक्षा में उत्तीण होने पर नौकरियां भारत सरकार और अधीनस्थ कार्यालयों में मंत्रालय, विभाग के लिए ग्रुप बी एवं सी कर्मचारियों के लिए नियुक्ति होती हैं। इसमें काफी तरीके की वैकेंसी हैं जैसे इनकम टैक्स इंस्पेक्टर, नारकोटिक्स विभाग में इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, राष्ट्रीय जांच एजेंसी में सब इंस्पेक्टर, ऑडिट ऑफिसर आदि। सीजीएल में न्यूनतम आयु 18 और अधिकतम आयु 32 निर्धारित की गई है, हालांकि यह बोर्ड द्वारा बढ़ाई भी जा सकती है। SSC CGL के बारे में आप यहां विस्तार से जानेंगे -


 

इस ब्लॉग में

1.       आवेदन शुल्क

2.       ऊपरी आयु सीमा में छूट

3.       सीजीएल परीक्षा पैटर्न व विषय

4.       पदों के नाम

5.       पे स्केल (वेतन एवं भत्ता)

 


आवेदन शुल्क  SSC CGL

  1. ·         अनारक्षित/ओबीसी – 100 रुपए
  2. ·         एससी/एसटी/पीएच - कोई शुल्क नहीं
  3. ·         महिलाएं (सभी श्रेणी) – छूट प्राप्त

 

ऊपरी आयु सीमा में छूट और आयु में छूट का दावा करने के लिए श्रेणी कॉड इस प्रकार हैं – SSC CGL

·         ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) – 3 वर्ष

·         एससी/एसटी (अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति) – 5 वर्ष

·         फिजिकली हैंडीकैप्ड (शारीरिक रूप से विकलांग) – 10 वर्ष

·         फिजिकली हैंडीकैप्ड+ ओबीसी – 13 वर्ष

·         फिजिकली हैंडीकैप्ड+ एससी/एसटी – 15 वर्ष



 

सीजीएल का परीक्षा पैटर्न व विषय  SSC CGL

  • एसएससी सीजीएल की परीक्षा चार अलग-अलग चरणों में होती है। आइए जानते हैं विस्तार से इस परीक्षा के चरणों के बारे में -



टियर-1 (कंप्यूटर आधारित परीक्षा)

SSC CGL के टियर 1 में 4 विषय होते हैं। इसमें – जनरल अवेयरनेस (सामान्य ज्ञान), मैथमेटिक्स (गणित), जनरल रीजनिंग (सामान्य बुद्धिमता), इंग्लिश (अंग्रेजी)

  1. ·         प्रत्येक विषय से 25 सवाल पूछे जाते हैं, कुल मिलाकर 100 सवाल
  2. ·         परीक्षा अवधि 60 मिनट की होती है
  3. ·         सही उत्तर देने पर 2 अंक मिलते हैं और गलत उत्तर पर 0.5 अंक घटाए जाते हैं



टियर-2 कंप्यूटर आधारित परीक्षा

SSC CGL के टियर 2 में केवल गणित और अंग्रेजी विषय से सवाल पूछे जाते हैं।

  1. ·         इसमें 2 घंटे की अवधि होती है
  2. ·         गणित से 100 और अंग्रेजी से 200 सवाल पूछे जाते हैं
  3. ·         गणित में हर सही उत्तर पर 2 अंक मिलते हैं और गलत उत्तर पर 0.5 अंक घटाए जाते हैं
  4. ·         अंग्रेजी में हर सही उत्तर पर 1 अंक मिलते हैं और गलत पर 0.2 अंक घटाए जाते हैं



टियर-3 पेन और पेपर मोड

SSC CGL टियर 3 में लिखित परीक्षा होती है जो ऑफलाइन माध्यम से ली जाती है

  1. ·         इसमें निबंध लेखन, औपचारिक और अनौपचारिक पत्र लेखन शामिल है
  2. ·         इस टियर की अवधि 60 मिनट की होती है और यह परीक्षा 100 अंक की होती है
  3. ·         दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए परीक्षा अवधि 80 मिनट की होती है



टियर-4 कंप्यूटर प्रोफिसिएंसी टेस्ट (कुछ पदों के लिए)

SSC CGL टियर 4 में परीक्षा केवल कुछ पदों के लिए ही होती है और यह कंप्यूटर प्रोफिसिएंसी टेस्ट होता है

  1. ·         इसमें टीए (टैक्स असिस्टेंट) , सीएएसएस, एमईए (विदेश मंत्रालय) और इंस्पेक्टर पद शामिल हैं


 

SSC CGL में पदों के नाम

सीजीएल की परीक्षा दिए गए पदों के लिए होती है इसमें आप एक से ज्यादा पदों को आवेदन करते समय चयन कर सकते हैं पदों के नाम इस प्रकार हैं -

सीजीएल में इंस्पेक्टर सेंट्रल एक्साइज, असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर, असिस्टेंट अकाउंट ऑफिसर, इंस्पेक्टर प्रिवेंटिव ऑफिसर, असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर, असिस्टेंट, इंस्पेक्टर एग्जामिनर, इनकम टैक्स इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर (सीबीआई), असिस्टेंट इनफोर्समेंट ऑफिसर, जूनियर स्टैटिस्टिकल ऑफिसर, इंस्पेक्टर (डाक विभाग और सेंट्रेल ब्यूरो ऑफिस ऑफ नार्कोटिक्स), ऑडिटर, सीनियर सेक्रेटेरिएड असिस्टेंट, असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट, डिविजनरल अकाउंटेंट, अपर डिविजनल क्लर्क (यूडीसी), टैक्स असिस्टेंट के पदों पर भर्ती निकलती हैं


 

SSC CGL में पे स्केल (वेतन एवं भत्ता)

अलग-अलग पद के लिए अलग वेतन व भत्ता निर्धारित है भत्ते के तौर पर आपको यह भत्ते मिलेंगे –

  1. ·         मकान किराया भत्ता (एचआरए)
  2. ·         महंगाई भत्ता (डीए)
  3. ·         परिवहन भत्ता (टीए)

 

न्यूनतम वेतन सीजीएल में 18,000 रुपए और अधिकतम वेतन 2,50,000 (भत्तों सहित) है।


देवांग मैत्रे

Tuesday 8 December 2020

जानिए कोरोना वायरस से बचाव और उसके उपाय

 




कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में लगभग एक साल से कोहराम मचाया हुआ है। इससे दुनिया में लगभग 15 लाख लोगों की जान चली गई है। कोरोना चीन के शहर वुहान से पैदा होकर समूचे विश्व को अपनी चपेट में ले लेगा इतना किसी ने नहीं सोचा होगा।



वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना वायरस चीन में उत्पन्न हुआ और वहां से यह पूरी दुनिया में फैला। यह चमगादड़ों और उसके बाद पैंगोलिन स्तनधारी जानवरों के बाद कोरोना इंसानों में फैला। चीन के वुहान की खाद्द मार्किट में कोरोना का पहला मामला सामने आया।

 


कोरोना वायरस के लक्षण आने में 2-14 दिन लगते हैं। आइए जानते हैं कोरोना वायरस से बचने के घरेलू और मेडिकल उपाय-


कोरोना के हल्के लक्षणों के लिए

1.      आराम करें। इससे आप दूसरों से बचे भी रहेंगे और जल्दी स्वस्थ भी होंगे।

2.      घर पर रहें। काम, स्कूल और सार्वजनिक स्थानों पर बिल्कुल न जाएं।

3.      तरल पदार्थ का सेवन करें। आप बीमार होने पर शरीर का अधिक तरल खो देते हैं।

4.      निगरानी रखे। आपके लक्षण और ज्यादा बिगड़ने लगते हैं तो तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें।


कुछ जरुरी बातें-

1.       बाहर जाना भी है तो मास्क का उपयोग करें और इसे बिल्कुल भी हाथ से मास्क की अंदरूनी परत को न छूंए।

2.       छींकते समय नाक को पूरी तरह से धकना है।

3.       60 वर्ष या इससे ऊपर हैं तो बाहर जानें से बचें।

4.       बाहर से आने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं।

5.       बाहर अपने मूंह और नांक को न छूंए।

6.       सामाजिक दूरी का अधिक से अधिक पालन करें।

7.       घर में कोई कोरोना संक्रमित है तो उससे भी दूरी बनाएं और मास्क का उपयोग करें।



मेडिकल उपाय

RT-PCR (रियलटाइम पॉलीमर्स चेन रिकेश्न)

RT-PCR (रियलटाइम पॉलीमर्स चेन रिकेश्न) यह टेस्ट किसी भी व्यक्ति के शरीर के अंदर वायरस का पता लगाने के लिए किया जाता है। शरीर के विभिन्न हिस्सों इस टेस्ट के लिए सैंपल लिए जाते हैं। सामान्य तौर पर नैजल स्वैब, थ्रोट स्वैब सैंपल लिए जाते हैं यानी नाक की म्यूकोजा और गले की म्यूकोजा की अंदर वाली परत से स्वैब लिए जाते हैं। इसकी रिपॉर्ट आने में 6-8 घंटे लगते हैं। इससे एक बार में 90 टेस्ट किए जा सकते हैं।


 

Rapid Anti-Body Test (रेपिड एंटीबॉडी टेस्ट)

यह टेस्ट शरीर के अंदर एंटीबॉडी का पता लगाता है। जिन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण है, उस वायरस से लड़ने के लिए हमारा इम्यून सिस्टम काम करता है। उस वायरस से लड़ने के लिए शरीर में एंटीबॉडी बनने लगते हैं। इस टेस्ट का परिणाम 30 मिनट में आ जाता है। लेकिन इस टेस्ट के कुछ नुकसान भी हैं। कोई व्यक्ति यदि कोरोना से संक्रमित है और पहले सप्ताह में उसका टेस्ट होता है तो उसकी रिपोर्ट निगेटिव होगी।

 


TrueNat (ट्रूनाट)

आमतौर पर इस मशीन से तपेदिक और HIV की जांच होती है। TrueNat टेस्ट में 60 मिनट के भीतर ही जांच का परिणाम आ जाता है। भारतीय फर्म मोलबायो डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। 19 मई 2020 को ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) ने जांच के इसके उपयोग को मंजूरी दी थी। इसमें छोटी किट का उपयोग होता है। इसमें एक साथ 1-4 टेस्ट और एक दिन में 24-48 टेस्ट किए जा सकते हैं।



देवांग मैत्रे

UP chunav: इस बार फिर होगा यूपी में भगवा सलाम?

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